इनकी मक्कारी, फरेबी मिज़ाज, तुम क्या जानो कितने कमज़र्फ हैं ये इंसान, तुम क्या जानो कैसे समझाऊँ मेरी जान, मेरे हालात हैं क्या कैसे काटी गयी है मेरी ज़ुबान, तुम क्या जानो ईजाज़ अहमद "पागल" #ejaz #pagal #yqghalib #shayari #poetry #sad #voice