Nojoto: Largest Storytelling Platform

तुम खत मेरा पढ़ोगी तो रोओगी मैंने लिखे हैं भेजे नही

तुम खत मेरा पढ़ोगी तो रोओगी
मैंने लिखे हैं भेजे नहीं
जब मैं ये शहर छोड़कर जाऊगा
ये खत बिस्तर के पास पड़े 
दराज़ में तुम्हें ये सिमटे हुए मिलेंगे
इन्हें जलाना मत ये ख़याल हैं तुम्हारे
जो तेरी नमौजूदगी में मैंने तुम्हें लिखा।
ये जो तकिये के नीचे तस्वीर है
इसे समेत कर घर लेते जाना
ये तुम्हारी ही हैं...
तुम्हे इज़हार से पहले मैंने 
इन्हें खींचकर...
फ्रेम करना था...
ये जोकि तकिया ही बना रहा 
ये खत जो तुम्हे लिखे थे 
आज छोड़कर जा रहा हूँ
हो सके तो समेत कर रख लेना
तुम मेरा ख़त पढ़ोगी तो रोओगी
ख़ैर इन्हें जला ही देना।

#कुमार किशन #ख़त#दराज़
तुम खत मेरा पढ़ोगी तो रोओगी
मैंने लिखे हैं भेजे नहीं
जब मैं ये शहर छोड़कर जाऊगा
ये खत बिस्तर के पास पड़े 
दराज़ में तुम्हें ये सिमटे हुए मिलेंगे
इन्हें जलाना मत ये ख़याल हैं तुम्हारे
जो तेरी नमौजूदगी में मैंने तुम्हें लिखा।
ये जो तकिये के नीचे तस्वीर है
इसे समेत कर घर लेते जाना
ये तुम्हारी ही हैं...
तुम्हे इज़हार से पहले मैंने 
इन्हें खींचकर...
फ्रेम करना था...
ये जोकि तकिया ही बना रहा 
ये खत जो तुम्हे लिखे थे 
आज छोड़कर जा रहा हूँ
हो सके तो समेत कर रख लेना
तुम मेरा ख़त पढ़ोगी तो रोओगी
ख़ैर इन्हें जला ही देना।

#कुमार किशन #ख़त#दराज़