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#OpenPoetry तेरे शौर्य, वीर, पराक्रम की गाथा कितनी

#OpenPoetry तेरे शौर्य, वीर, पराक्रम की गाथा कितनी भी मैं गाऊं।

मैं बन जाऊं वो आज़ादी , अपने हक़ को मैं लड़ जाऊं।

मैं बन जाऊं वो भगत सिंह, आज़ादी मेरा हुस्न बने।

मेरे रोम रोम में भारत मां, तेरा ही तेरा ज़श्न बढ़े।

मैं उस आज़ाद को याद करूं, जिसके नाते ये भारत है।

मेरी भी गर ज़रूरत हो, तुझपे तो मेरी शहादत है। #OpenPoetry 
#kuchhlafzzaur
#quotes #patriotism
#OpenPoetry तेरे शौर्य, वीर, पराक्रम की गाथा कितनी भी मैं गाऊं।

मैं बन जाऊं वो आज़ादी , अपने हक़ को मैं लड़ जाऊं।

मैं बन जाऊं वो भगत सिंह, आज़ादी मेरा हुस्न बने।

मेरे रोम रोम में भारत मां, तेरा ही तेरा ज़श्न बढ़े।

मैं उस आज़ाद को याद करूं, जिसके नाते ये भारत है।

मेरी भी गर ज़रूरत हो, तुझपे तो मेरी शहादत है। #OpenPoetry 
#kuchhlafzzaur
#quotes #patriotism