न गिर जाएं वो नज़रों से खुद की कभी पढ़ के इक रोज़, वो कर देते थे मेरी चैटें delete हर रोज़, कि मैंने वो दौलत वसीयत सी सम्हाल रखी थी, न काम की थी मेरे अब जो उम्मीदें पाल रखी थीं, कि सुंदर मकान को जो खण्डहर कर छोड़ गए हो, मैंने मिसालों को मेरी नीयत मिसाल रखी थीं...✍🏻 ~Roopa~ #मिसालों_की_मिसाल #प्रेम #विक्षोभ