क्या लिखूं अपने मामा जी के लिए या यूँ कहूँ की जीतना लिखू उतना कम है उनके लिए माँ से भी बढ़ कर जिनको मेरी फ़िक्र रहती है हर वक्त जो मेरी ढाल बन कर खड़े रहते हैं बहुत रातो की नींदे निकाली है मेरे लिए जब जब मै झूल रही थी जीवन और मौत के झूले में मेरे लिए जिनका सब कुछ न्योछावर है मेरी ख़ुशी में ही उनकी मुस्कुराहट है मेरी ख़ुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार है मेरी एक आवाज पर जो हर दम मेरे साथ है #Heart मेरी लाइफलाइन है मेरे मामा जी