"मुड़ जाए रास्ते, सिमट जाए आसमा, बे रुख़ी सी क्यों न हो जाए जुबान, ।।फिर भी तुम्हीं आना ।। लाख पलट कर ना देखू, भले रास्ते चलते मुँह फ़ीरू, उठाकर के नज़र को झुका लू , ।।फिर भी तुम्हीं आना ।। ना निकलना हुआ हो, बिचड़े जब से जिन गलियों सें, मैं लाख मनाही दु ना मिलने की तू एक दफा चले आना, ।।फिर भी तुम्हीं आना ।। कई कड़वाहटों से सजाई अपनी बोली को, कुछ तीखे लहज़े अपनाये, प्यार भरी बातें लेकर, ।। फिर भी तुम्हीं आना ।। तुम्हीं आना❤️ #poetry #love #writergoal #write #words #alfaz "मुड़ जाए रास्ते , सिमट जाए #आसमा, बे रुख़ी सी क्यों न हो जाए जुबान, ।।फिर भी तुम्हीं आना ।।👣।। लाख पलट कर ना देखू, भले #रास्ते चलते मुँह फ़ीरू, उठाकर के नज़र को झुका लू , ।।फिर भी तुम्हीं आना ।।👣।।