नमक रोटी खाएंगे लेकिन जिंदगी गाँव मे बिताएंगे कोई कितना भी बोले देहाती हूँस लेकिन अपनी ही मिट्टी में जिंदगी बिताएंगे क्योकि अपना सिर्फ इतना वसूल है कितना भी रहे देश विदेश रहेंगे पूरे के पूरे देहाती और सबको देहती सभ्यता सिखाएंगे लफ़्ज मेरा गाँव मेरा देश Akshita Jangid(poetess)