शब्दों के सागर में डूब कर कवियों ने ना जाने कितनों का एहसास लिख दिया, भजते रहे मालाए पर मानवता ना जाने, तुम मरा-मरा पढ़ते रहे मन में कटुता लेकर उन्होंने प्रेम को पूजा और राम लिख दिया..! #प्रेम की भाषा न्यारी है,ये ढाई अक्छर प्रेम वेद शाश्त्रन पर भारी है,,,,#dedicated#tomy#Lovely#Varshabhaghelji Varsha Singh Baghel(शिल्पी) love you mam🙏