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क्या गुस्ताख़ी हुई इन भरे बाज़ार में , जहां सभी बि

क्या गुस्ताख़ी हुई इन भरे बाज़ार में , जहां सभी बिकते किसी न किसी दाम में 
अंतर बस कुछ ऐसा हैं ,कोई सोने के भाव वहीं कोई माटी के भाव बिकता हैं..

©Abhay Tripathi
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