हे देवाधिदेव! लय और प्रलय के स्वामी कैलाश की रुपकता के फलक शोभायमान चन्द्रमा के गणक महाविषधारी, नंदी के सवारी, चेतना के अंतर्यामी, भोले नाथ आपकी आराधना का साहस कोई युग्म ही करेगा यथास्थान की प्रधानता होगी। अनादि मानते हुए शक्ति की उष्णता से प्रकृति को एकत्रित रखने वाले सदाशिव मारक और धारक के निष्ठ लय और प्रलय पर आपकी अधीनता का प्रसाद ग्रहण भर करने वाला कोई, SHIVHOLIK ही होगा। यह वर्ग ही अलग है। सुबह सुबह लो शिव का नाम कर लो बंदे ये शुभ काम।। फोटो गोलची के सौजन्य से। #गोलची #विप्रणु #yqdidi #yqbaba #yqhindi #life #philosophy