तेरे नाम का व्रत मैं तेरा चांद तू मेरी चांदनी. मैं तेरी जान तू मेरी ज़िन्दगी। तू मेरा वृत है.मैं तेरा उपवास. मैं तेरा सम्मान्ः तू ही मेरी ख़ास। स्वस्थ रहे प्रसन्नता से मेरा साथ निभाये. सातों जन्मों तक तुझे .कोइ कष्ट भी छू ना पाये। तेरे नाम का वृती हूं मैं.मेरी सांसे तुझको अर्पण. इक दूजे को देखे जी भर.ये बीच मेंं काहे का दर्पण। जगदीश निरालाःमांगरोल तेरे नाम का वृत