सब को इश्क़ ने रूलाया इश्क़ में किसी को न किसी ने भूलाया इश्क़ में इश्क़ से कौन अछूता रहा,सच कहना किस- किस ने आँसू बहाया इश्क़ में फूलों की तरह खिल उठती मैं भी जब नाम मेरा तुमने पुकारा इश्क़ में जब कभी हाथ रखा मेरे जख्मों पर कतरा-कतरा दर्द को भुलाया इश्क़ में तुम अगर रूकते सनम हमारे पहलू में हाथ में हाथ थाम कर चलते इश्क़ में क्या पाया क्या खोया ये हिसाब क्या रखते जब हम दोनों साथ होते इश्क़ में ।।— % & ♥️ Challenge-814 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।