मैंने उसे भूलने की खूब कोशिश की, लेकिन एक दिन वह खुद ही मेरे सामने आ गया और घुटने टिका कर बोला -मेरे दोस्त तुम्हारे जैसा दोस्त तो किस्मत वालों को ही मिलता है । तकलीफों में साथ छोड़ने वाले,मतलबी,फरेबी दोस्तों की ये दुनिया भरी पड़ी है। मैं निकम्मा ,सताया हुआ और फिलहाल अकेला हूँ तुम मुझे अपनी बाजूओं में समेट लो दोस्त , भुला कर मेरी सब गलतियाँ खुद से मुझे लपेट ले दोस्त ।। अब क्या करूँ उसे सम्भालना पड़ा । उसे भूलने को आज फिर से टालना पड़ा ।। -Mintu kumar #उसे सम्भालना पड़ा