बाज़ार मुझे लगता था हम उस युग में पैदा हुए जहां लोग प्रबुद्ध है समृद्ध है जहां लोकतंत्र है साक्षरता है तकनीक और विज्ञान है सक्षमता है फिर धीमे धीमे महसूस किया यहां जो कुछ है सब व्यापार है कुछ व्यापारी बाकी सब के सब खरीददार जो कुछ हैं यहां सब का सब बाजार !! ©मिहिर #बाजार