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अजीब सी बेचैनी है नहीं पता कौन सी बात किनसे कहनी ह

अजीब सी बेचैनी है
नहीं पता कौन सी
बात किनसे कहनी है
हम खुली किताब हैं
या हैं एक गहरा राज
यह भी एक पहेली है
मेरे सपने बड़े हैं पर
पता नही कहाँ अंधेरा
और कहाँ रोशनी है

मान तो लिया है मैंने
पर अब तो जगानी
आवाज़ अंदरूनी है
कोई न होगा साथ
ये बात भी अब 
स्वीकारना जरूरी है
मायूस है कुछ चेहरे
न तो कोई शिकन
और न ही हंसी है

©Ritesh Kumar #Ritesh_Poetry
#Ritesh_Vibes
#Inspiration
#Khuli_Kitaab
#Paheli
अजीब सी बेचैनी है
नहीं पता कौन सी
बात किनसे कहनी है
हम खुली किताब हैं
या हैं एक गहरा राज
यह भी एक पहेली है
मेरे सपने बड़े हैं पर
पता नही कहाँ अंधेरा
और कहाँ रोशनी है

मान तो लिया है मैंने
पर अब तो जगानी
आवाज़ अंदरूनी है
कोई न होगा साथ
ये बात भी अब 
स्वीकारना जरूरी है
मायूस है कुछ चेहरे
न तो कोई शिकन
और न ही हंसी है

©Ritesh Kumar #Ritesh_Poetry
#Ritesh_Vibes
#Inspiration
#Khuli_Kitaab
#Paheli
riteshkumar1730

Ritesh Kumar

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