मतलब की ये दुनिया एक तुझसे ही रिश्ता बिना मतलब का है क्या सत्य और क्या असत्य नहीं जानना क्या अपना और क्या पराया अब नहीं पहचानना हर क्षण भ्रम में रहा मन भटकन उलझन अनमन सब मोह जाल टूट रहे हैं.. नाम के रिश्ते छूट रहे हैं... एक तू ही मेरा तुझ से शाम तुझसे सवेरा तू ही सच्चा हमसफ़र मेरा तुझ से ही बंधी सासों की डोरी लागी तुझसे है लगी अब न जाएगी तोड़ी न जीवन का मोह न मृत्यु का डर मंजिल तू तू ही डगर!!! ©Rekha Gakhar #ईश्वर #सच्चा_प्रेम #वैरागी #वैरागीमन