होठों ने मुस्कुराना सीख लिया रोना तो पैदा होते ही सीख लिया था ज़िंदगी ने ग़म में मुस्कुराना सीख दिया हर हाल में जीना सीख लिया ख़ुद पर भरोसा करना सीख लिया ज़िंदगी ने ग़म छुपाना सीख लिया हंँस कर भी देखा रो कर भी देखा किसी को पाकर खो कर देखा जीने के लिए कोई वजह ना ढूंँढ़ी ज़िंदगी ने अकेले जीना सीख लिया। ♥️ Challenge-735 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।