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कायनात पल दिन महीने साल सब आएंगे चले जाएंगे। जीव


कायनात

पल दिन महीने साल सब आएंगे चले जाएंगे।
जीवन सुख दुःख की दो किनारे बहते चले जाएंगे ।
इस चलायमान कायनात में स्थिर नहीं है कुछ भी,
नश्वर है मानव शरीर सब मिट्टी में मिलते चले जाएंगे।

अम्बिका मल्लिक ✍️

©Ambika Mallik
  #कायनात