ना जाने लोगों को "ग़ुरूर" किस बात की हैं, एक दिन तो सब वहीं मिलेंगे । आज मिट्टी के ऊपर हैं, कल इसी मिट्टी के निचे रहेंगे । ग़ुरूर #ग़ुरूरकिसबातकीहैं#