कहानी किताबों में तुमको पढ़ा है रुबाई ग़ज़ल में तुम्हीं को गढ़ा है शिकायत मुझे तुमसे होती नहीं अब तेरा दोष भी मैंने ख़ुद पर मढ़ा है मेरा ज़ोर मुझ पर चले भी तो कैसे नशा जबसे मुझ पर तुम्हारा चढ़ा है ज़मीं पर कदम अब नहीं तेरे टिकते बताओ ये रुतबा कहाँ से बढ़ा है #nojoto #nojotohindi #nojotoghazal #mrgwrites #MrgGhazal #ग़ज़ल