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छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता टूटे मन से कोई खड़ा

छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता
टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता
जो जिद ठानी है अपनी मुट्ठी में
उसे कोई हरा नहीं सकता

by J@ntu kumar paswan छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता
टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता
जो जिद ठानी है आपनी मुट्ठी में
उसे कोई हरा नहीं सकता
        by J@ntu Kumar paswan
छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता
टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता
जो जिद ठानी है अपनी मुट्ठी में
उसे कोई हरा नहीं सकता

by J@ntu kumar paswan छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता
टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता
जो जिद ठानी है आपनी मुट्ठी में
उसे कोई हरा नहीं सकता
        by J@ntu Kumar paswan