छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता जो जिद ठानी है अपनी मुट्ठी में उसे कोई हरा नहीं सकता by J@ntu kumar paswan छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता जो जिद ठानी है आपनी मुट्ठी में उसे कोई हरा नहीं सकता by J@ntu Kumar paswan