कांच सा नाजुक दिल है ये, जुड़े रहने दो या टूट कर ही बिखर जाने दो। फाड़कर ये पन्ना अपनी कहानी का किस्सा ही ख़तम हो जाने दो। न हिज़्र की वो रात होगी,न उम्मीद का भोर होगा, न इंतजार बेइंतहां, न गमो का दौर होगा। लाश बनकर जीने से बेहतर है मुझे मर जाने दो। ©Ritu shrivastava #bebesi