चाँद जलता है, जब तुम विहार को बाहर निकलती हो तारे पिघलते है, जब तुम प्रिये सोलह श्रृंगार करती हो क़ायनात की निगाहें तुम पे ,जब निगाहें चार करती हो जल उठता हर कोई,प्रिये जब तुम मुझे प्यार करती हो #restzone #rzलेखकसमूह #rztask225 #love #प्रिये #prem