Nojoto: Largest Storytelling Platform

पूर्व में रवि भी लालिमा से, श्रृंगार तुम्हारा करत

पूर्व में रवि भी लालिमा से, 
श्रृंगार तुम्हारा करता है।
पश्चिम में गोधूलि वेला में, 
स्वर्ण की गागर भरता है।
गंगा, गोदावरी, सरस्वती, 
और पावन हैं चारों धाम। 
दसों दिशाओं में गूंज रहा, 
हे भारती! तेरा गुणगान।। ##मेराभारतमहान #वैष्णोखत्री #वेदिका #©
पूर्व में रवि भी लालिमा से, 
श्रृंगार तुम्हारा करता है।
पश्चिम में गोधूलि वेला में, 
स्वर्ण की गागर भरता है।
गंगा, गोदावरी, सरस्वती, 
और पावन हैं चारों धाम। 
दसों दिशाओं में गूंज रहा, 
हे भारती! तेरा गुणगान।। ##मेराभारतमहान #वैष्णोखत्री #वेदिका #©