किसी का हाथ किसी का पैर किसी का धड़,,, यहां टुकड़ों में लोगों की भला गिनती हुई कैसे..? ये पूछो हुक्मरानों से यहां गलती हुई कैसे....? कि चीखें जोर से आई और आंसू आंख से निकले भयानक मौत का मंजर, हाय ! कितनों के दम निकले सैकड़ों के लिए दो पुष्प से विनती हुई कैसे...? ये पूछो हुक्मरानों से यहां गलती हुई कैसे....? कई सूने हुए आंगन कई अपनों से बिछड़े हैं यहां पहचानना मुश्किल कई घर द्वार उजड़े हैं दर्द से चीखती तस्वीर यह सिमटी हुई कैसे ये पूछो हुक्मरानों से यहां गलती हुई कैसे....? ©Priya Chaturvedi #Udisha