प्रेम.. गारंटी है बस इतनी यादों को दिल से रूखसत न कर पाऊंगी.. उलसे मन को, शब्दों से न सुलझा पाऊंगी.. द्वंद होते मौन को ओंठो पे न कभी लाऊंगी.. बरसों बरस रहूं दूर भी, आंखों से ओझल न हो पाऊंगी हां .. शायद अमृता की प्रीतम कभी न बन पाऊंगी.. #प्रेम #येउनदिनोंकीबातथी #परिभाषा_प्रेम_की प्रिय सखी तेरे लिए #यादें #जिंदगी #तूलिका