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कहो तो मैं फिर से आ ही जाऊँ वो सुर्ख़ रंग के गुलाब

कहो तो मैं फिर से आ ही जाऊँ वो सुर्ख़ रंग के गुलाब 🌹 लेकर,,   
और इश्क करना तुम्हें सिखा दूँ  मुहब्बतों की किताब लेकर।।

ये रोज़ो-शब की अदावतों को नवाज़िशों में बदल दूँ मैं तो,!!
ज़माना मिलने लगेगा झूठे मरासिमों के आदाब लेकर।। 

ये चंद दिन की है ज़िन्दगानी किसी से कोई गिला नहीं है। 
यहां से जाना है सबको इक दिन गुनाह लेकर सवाब लेकर।। 

यहीं की सारी ये ख़्वाहिशें हैं यहीं पे होना फ़ना है इनको। 
जहां में आया कभी न कोई जहां में जीने का ख़्वाब लेकर।। 

ये इश्क क्या है? ये ज़िंदगी है, फक़त यही था सवाल तुझसे!! 
तो जिसने ख़ुद को मिटा दिया है वो आया है ये  जवाब लेकर।। 

है कौन काफ़िर या अहले-ईमां? फ़साद इतना है क्यूँ ज़मीं पर!! 
जो हश्र में सबको मिलना ही है हर एक पल का हिसाब लेकर।। 

तुम्ही हो दिल 💕 में, तुम्ही नज़र में, बसे हो तुम ही तो धड़कनों में। 
मैं मन की आँखों से देखता हूँ तो क्या करोगे हिजाब लेकर।। 
 #yqaliem #yqbhaijaan #gulaab #iahq
कहो तो मैं फिर से आ ही जाऊँ वो सुर्ख़ रंग के गुलाब 🌹 लेकर,,   
और इश्क करना तुम्हें सिखा दूँ  मुहब्बतों की किताब लेकर।।

ये रोज़ो-शब की अदावतों को नवाज़िशों में बदल दूँ मैं तो,!!
ज़माना मिलने लगेगा झूठे मरासिमों के आदाब लेकर।। 

ये चंद दिन की है ज़िन्दगानी किसी से कोई गिला नहीं है। 
यहां से जाना है सबको इक दिन गुनाह लेकर सवाब लेकर।। 

यहीं की सारी ये ख़्वाहिशें हैं यहीं पे होना फ़ना है इनको। 
जहां में आया कभी न कोई जहां में जीने का ख़्वाब लेकर।। 

ये इश्क क्या है? ये ज़िंदगी है, फक़त यही था सवाल तुझसे!! 
तो जिसने ख़ुद को मिटा दिया है वो आया है ये  जवाब लेकर।। 

है कौन काफ़िर या अहले-ईमां? फ़साद इतना है क्यूँ ज़मीं पर!! 
जो हश्र में सबको मिलना ही है हर एक पल का हिसाब लेकर।। 

तुम्ही हो दिल 💕 में, तुम्ही नज़र में, बसे हो तुम ही तो धड़कनों में। 
मैं मन की आँखों से देखता हूँ तो क्या करोगे हिजाब लेकर।। 
 #yqaliem #yqbhaijaan #gulaab #iahq