Nojoto: Largest Storytelling Platform

कागज़ों पे बिखरे शब्द फूल बन गए, महक मिले औरों को य

कागज़ों पे बिखरे शब्द फूल बन गए,
महक मिले औरों को यूँ उसूल बन गए..!
प्राथमिकता हमारी ख़त्म हुई न जाने कब,
समाज के आईने में हम फ़िज़ूल बन गए..!

©SHIVA KANT(Shayar)
  #ballet #Fizool