खुदा : तुम फरियाद करना मैं तुम्हारे चिरागों की शाम बनूंगा तुम अल्फाजों से सजाना मुझे मैं तुम्हारे इश्क की किताब बनूंगा डाली है मैंने तुम्हारे मस्तिक में एक ऐसी रेखा जिस से मैं तुम्हें बंदगी और फरियाद करने बाद सजी जन्नत की महफिल में मिलूंगा ©Paramjit Singh landran फरियाद