चाय के साथ यह फूलों का गुलदस्ता पा कर जिसको मेरा मन हर्षित होता भेजने वाला फरिश्ता कभी सामने नहीं आता बता रे फ़रिश्ते तेरा मेरा कैसा यह नाता ? ©Mohan Sardarshahari फरिश्ता