ना तोड़ेगी दम कोई मुहब्बत होगी मुकम्मल हर मुरादें सरकारी नौकरी कि क्या है बिसादे जो मजबूत हो तेरे इरादे होगी मुट्ठी में हर नौकरी जो कर ले तू खुद से वादे फिर ना रोकेगा तुझको कोई होगी संग प्राण प्रिय तेरे। #YourQuoteAndMine Collaborating with Karan Verma