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अब तक  सहेज कर रखा है, तुम्हारी हर बात को यादों मे

अब तक 
सहेज कर रखा है,
तुम्हारी हर बात को
यादों में, 
तुम्हारा खत 
आज भी रखा है,
मेरी डायरी में!
तुम कितनी भोली थी 
अब चंचल हो गई हो, 
बहुत याद आती है 
तुम्हारी. . . 
तू रुठती भी थी मुझसे 
और मैं मनाता भी था, 
अब आओ -ना 
फिर से तुम 
फिर से रुठो 
और मैं फिर से मनाऊंगा, 
हर लम्हे ,
हर किस्से को 
सहेज रखा है, 
बहुत याद 
आती है तेरी, 
आँखें नम हो जाती है 
जब भी याद करता हूँ ,
तुम्हें और तुम्हारी 
नटखट हरकतों को. ।।

©OM Prakash Lovevanshi "Sangam" #sangam_kota
अब तक 
सहेज कर रखा है,
तुम्हारी हर बात को
यादों में, 
तुम्हारा खत 
आज भी रखा है,
मेरी डायरी में!
तुम कितनी भोली थी 
अब चंचल हो गई हो, 
बहुत याद आती है 
तुम्हारी. . . 
तू रुठती भी थी मुझसे 
और मैं मनाता भी था, 
अब आओ -ना 
फिर से तुम 
फिर से रुठो 
और मैं फिर से मनाऊंगा, 
हर लम्हे ,
हर किस्से को 
सहेज रखा है, 
बहुत याद 
आती है तेरी, 
आँखें नम हो जाती है 
जब भी याद करता हूँ ,
तुम्हें और तुम्हारी 
नटखट हरकतों को. ।।

©OM Prakash Lovevanshi "Sangam" #sangam_kota