दहलीज वो आज भी सुनी पड़ी है हो चाहे मेरे दिल की या हमारे आशियाने की इस अधूरे दिल में आज भी चाह है तुम्हे वापिस पाने की बात इतनी सी है के तुम वापिस आ नहीं सकते ख्वाहिश है मेरी खुदा के घर तुम तक आने की.! #ख्वाहिशें#moli