बहुत खूबसूरती से तुम्हारा होना चाहा था तुम भूल चुके हो शायद बताया भी मैने ही था बोली से अपनी मत लुभाओ निभाना हो ज़िंदगी भर साथ तो फिर अपना हाथ बढ़ाओ तुम्हें शायद पता भी नहीं ,इस नन्ही सी जान का बहुत खूबसूरती से सजाई थीं पलकें अपनी उठाना भी तब था जब देखेगा कोई अपना उसकी तरफ़ फिर तुमनें छेड़ा ही क्यूँ मेरी पलकों को जब रूलाना ही था ©aru❤️ #थोड़ी__मुस्कुराहट__उधार__देदे_ऐ__जिंदगी #थोड़ा_कुछ_बाकी_है #थोड़ा_कम_थका_ऐ_ज़िंदगी