तुझे, कुछ समझ नहीं आता, मेरे इस हालात का, जब जवाब भी ढूँढता है वजूद, अपने सवाल का, बंद कर लूँ उन्हें, बना के ग़ज़ल, अशआर बन कर, ग़ज़ल बेताब, ढूँढती है वजूद, अपने अल्फ़ाज़ का !! वक़्त हिसाब माँगता है, देना कौन चाहता है! #हिसाब #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #lovetopoetry #padhnelikhnewale #पढ़नेलिखनेवाले