जब बनके हसीं का पुतला दर्द वो चुरा लिए, समझ तो हम हँसी से ही गये ग़म वो छुपा लिए, कहते कभी दो अफ़साने हँसके ही सही। हम फिर भी जान जाते ज़िन्दगी उनकी ही कहीं एक हाथ बढ़ाना ही रहा, कश्ती वो गिरा लिए। #पोएट्री