रंग बिरंगी दिल की दुनिया में, बेरंग ज़िन्दगी की अब गुंजाइश कहाँ। हर ख्याब है रंगीन मेरा हसरते भी है जवां, दिल अभी भी खुशमिज़ाज है उल्फ़ते दर्द कहाँ। ग़मो की सुर्खियां नही है इन आँखों मे, ये तो इश्क़ का ख़ुमार है । रंग बिरंगी दिल की दुनिया में, बेरंग ज़िन्दगी की अब गुंजाइश कहाँ। #mrshabdkaar