मन बंजारा सा दिल आवारा सा, *पुरुष* की आखिरी गुरू उसकी *पत्नी* होती है। उसके पश्चात उसे न तो कोई ज्ञान की आवश्यकता होती है, न ही कोई ज्ञान काम आता है *गुरु पूर्णिमा की बधाई* #गुरू