एक जज़्बा जिस्म तेरा जान तेरी, ऐ वतन तुझे कुछ और देने को जी चहता है.. मर मिटू तेरी हिफाजत में, ऐ वतन तेरे लिए कुछ और करने को जी चहता है.. तेरी आशिकी का नशा ही कुछ और है, ऐ वतन तुझ में फना होने को जी चहता है यूं तो तेरी रह गुजर में और भी हैं पहरेदार , लेकिन मुझे तेरे लिए कुछ अलग करने को जी चहता है .. इस माटी को माथे से लगाया है मैंने, इसी में मिट जाने को जी चहता है... धुन तो कई सुनी हैं मैंने जहां में मुझे तो बस तेरी धुन में थिरकने को जी चहता है.. सच मुच ऐतिहासिक क्षण है मेरे लिए, मास्क पहनकर कसम खाई है, अब जंगे मैदान में दहाड़ने को जी चाहता है.. ये फूलों की बौछारें मर मिटी है मुझ में, आज खुशी से तेरे दामन में समा जाने को जी चाहता है.. मैं अमर था अमर हूं अमर रहूंगा, मैं तत्पर हूं, तू विजय था, तू विजय है, तू विजय रहेगा, तेरे दीवाने तुझ में फना, जो कसम खाई है, अब वो कसम निभाने को जी चाहता है.. आशा बड़बियाल #IndianArmy #passingoutparade #proudofoursoldier