बादलों की रवानगी हर पल यहाँ थंड़ी हवाओं का मानो बसेरा सा है चाँदनी रातें कभी तो कभी बादलों से झांकता हुआ वो चाँद अंधेरा भी मानो सवेरा सा है हर शख्स अंजान है फिर भी ना लगता जाने क्यूँ यह शहर भी जैसे अब मेरा सा है - मेरे शहर से दूर एक शहर अपना सा #yqhindi #yqhindipoetry #yqhindishayari #yourquote #hindipoetry #hindi #hindiwriters #bangalore Dedicated to Bangalore ❤