मिट्टी के बदन पे चढ़ा पानी है सोने का पुख़्ता सबूत लिए निगाहें बयान हो जैसे हँसते लबों पे टिकाए मज़ाक़ दुनिया का इश्क़ का ख़ूबसूरत कोई सामान हो जैसे . सोना