प्रकृती से ही संसार चल रहा है । इंसान इसकी गोद में पल रहा है । कहीं न कहीं वजह हम, ही हैं, जो इस तरह से इसका, स्वरूप बदल रहा है । ये बहुत ही तकलीफ और चिंता की बात है,कि पृथ्वी का फेफड़ा (Amazon forest), धिरे-धिरे अब जल रहा है । पृथ्वी का फेफड़ा । #फेफड़ा#Amazon#forest#नोजोटो