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#OpenPoetry माननीय गृह मंत्री के बयान के अनुसार जम

#OpenPoetry माननीय गृह मंत्री के बयान के अनुसार जम्मू कश्मीर मे ३७० व ३५अ अस्थायी
 व्यवस्था थी उन्होने इसको लेकर पंडित नेहरू के बयान का हवाला दिया। 
अमित भाई शाह को यह भी याद रखना चाहिए कि जातिगत आरक्षण भी अस्थाई व्यवस्था ही थी इसको भी हटाने के लिए अपनी इच्छा शक्ति का इजहार करे। 
क्योकि आपके ही कथन के अनुसार आपकी सरकार कोई भी निर्णय वोट बैक को 
ध्यान मे रखकर नही लेती बल्कि जनहित व राष्ट्रहित को देखकर ही लेती है। 
जब संविधान सभी नागरिको को समान अधिकार देने का वादा करता है ओर उसके 
मध्य नजर आपने काश्मीर मे ३७० व ३५अ हटाकर संविधान की मर्यादा 
का पालन किया है फिर जाति को देखकर जातिगत आरक्षण भी तो समाज मे 
असमानता पैदा कर रहा है जो कि भारतीय संविधान के मूल रूप के खिलाफ है। 
अतः मै माननीय मोदीजी व अमित भाई शाह से अपील करता हूं 
कि समाज मे वैमनस्य फैलाने वाले इस अस्थायी काले कानून 
को भी बदलने की दिशा मे गंभीर प्रयास करे।
#OpenPoetry माननीय गृह मंत्री के बयान के अनुसार जम्मू कश्मीर मे ३७० व ३५अ अस्थायी
 व्यवस्था थी उन्होने इसको लेकर पंडित नेहरू के बयान का हवाला दिया। 
अमित भाई शाह को यह भी याद रखना चाहिए कि जातिगत आरक्षण भी अस्थाई व्यवस्था ही थी इसको भी हटाने के लिए अपनी इच्छा शक्ति का इजहार करे। 
क्योकि आपके ही कथन के अनुसार आपकी सरकार कोई भी निर्णय वोट बैक को 
ध्यान मे रखकर नही लेती बल्कि जनहित व राष्ट्रहित को देखकर ही लेती है। 
जब संविधान सभी नागरिको को समान अधिकार देने का वादा करता है ओर उसके 
मध्य नजर आपने काश्मीर मे ३७० व ३५अ हटाकर संविधान की मर्यादा 
का पालन किया है फिर जाति को देखकर जातिगत आरक्षण भी तो समाज मे 
असमानता पैदा कर रहा है जो कि भारतीय संविधान के मूल रूप के खिलाफ है। 
अतः मै माननीय मोदीजी व अमित भाई शाह से अपील करता हूं 
कि समाज मे वैमनस्य फैलाने वाले इस अस्थायी काले कानून 
को भी बदलने की दिशा मे गंभीर प्रयास करे।