बाहर के अंधेरे से तुम डरना नहीं अपने अंदर का पहले अंधेरा मिटाओ।। ईश्वर को खोजो ना धरा पर कहीं अपने दिल का दरवाजा तो खोलो माता पिता के चरण पकड़ कर के देखो ईश्वर तुम्हें साक्षात दिख जाएगा।। कवि होरी लाल "विनीता" ©Hori lal Vinita ईश्वर ना खोजो