Hindi shayari quotes दावानल की आग लिखू़।या शोशित हुआ सुहाग लिखू में लिखूँ सुलंगती झरती पलकें या रोता कोई राग लिखूँ बोझिल है जब माँग की रोली बोझिल है जब माँग की रोली उठता योवन करें ठिठोली पीर जिसम की हुई समन्दर आखें जैसे सापित खाई उस विरहन की पीर लिखूँ क्या जिसका बालम हो हरजाई #NojotoQuote