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बिहार में कोविड-19 की गति एक बार फिर रफ्तार पकड़

बिहार में  कोविड-19  की गति एक बार फिर रफ्तार पकड़ चुकी है सिर्फ पटना जिले में ही हो रही जांच में 1 दिन में ढाई हजार से ज्यादा संक्रमित का मिलना वास्तव में चिंताजनक आई टी आई एम एस में जीएम सेविंग के लिए 3 जनवरी को जो 32 सैंपल लैब में गए थे उनकी जांच रिपोर्ट रविवार को आई तो हड़कंप मच गया इनमें 27 लोग नए वारंट कॉमिक रोम से संक्रमित निकले खास बात यह है कि इन में आधा दर्जन से ज्यादा डॉक्टर है वैसे पूरी दुनिया इस समय करुणा के नए वारंट कॉमिक रोम से जूझ रही है राज्यों के सामने बड़ी दिक्कत यही है कि इसकी जांच अभी बहुत महंगी है बिहार ने इसकी जांच के लिए पटना स्थित आईजीआईएमएस में लैब तो विकसित कर ली है परंतु इसमें एक बार में 92 सैंपल की जांच करने की व्यवस्था हो पाई है रिपोर्ट आने में हफ्ता भर लगता है जाहिर है महीने भर में 34 सैंपल की ही हो विक्रम जांच संभव हो सकती है और इंटर की जांच के लिए संक्रमित के सैंपल को लैब में बारीकी से परखने के बाद ही जांच के लिए भेजा जा रहा है सवाल उठता है कि जब हम ऐसे हैं जो डेल्टा से कई गुना तेजी से ही करता है तो इसकी जांच के लिए साधन क्यों नहीं जा रहे बिहार जैसे गंभीर राज्य के लिए व्यापक संसाधन जुटाना संभव भी नहीं है वैसे में संक्रमण और बचाव का सहारा दमदार सतर्कता से ही आकर ठीक किया जा सकता है जानलेवा डेल्टा पर नियंत्रण भी करो ना गाइडलाइन के पालन से ही हो पाएगा वह मित्रों के बारे में अब तक जो वैज्ञानिक निष्कर्ष निकाले हैं उनके मुताबिक ये डेल्टा जैसे जानलेवा नहीं है पर हल्के में ही ना लिया जाए यह सलाह डब्ल्यूएचओ भी दे चुका है राज्य के स्वास्थ्य विभाग को उम्मीद करो और इंटर से बचाव के लिए भी कोई स्पष्ट गाइडलाइन जारी करनी चाहिए जिससे आम आवाम रूप सतर्क हो सक

©Ek villain # नए वारंट ने बढ़ाई चिंता

#Lohri
बिहार में  कोविड-19  की गति एक बार फिर रफ्तार पकड़ चुकी है सिर्फ पटना जिले में ही हो रही जांच में 1 दिन में ढाई हजार से ज्यादा संक्रमित का मिलना वास्तव में चिंताजनक आई टी आई एम एस में जीएम सेविंग के लिए 3 जनवरी को जो 32 सैंपल लैब में गए थे उनकी जांच रिपोर्ट रविवार को आई तो हड़कंप मच गया इनमें 27 लोग नए वारंट कॉमिक रोम से संक्रमित निकले खास बात यह है कि इन में आधा दर्जन से ज्यादा डॉक्टर है वैसे पूरी दुनिया इस समय करुणा के नए वारंट कॉमिक रोम से जूझ रही है राज्यों के सामने बड़ी दिक्कत यही है कि इसकी जांच अभी बहुत महंगी है बिहार ने इसकी जांच के लिए पटना स्थित आईजीआईएमएस में लैब तो विकसित कर ली है परंतु इसमें एक बार में 92 सैंपल की जांच करने की व्यवस्था हो पाई है रिपोर्ट आने में हफ्ता भर लगता है जाहिर है महीने भर में 34 सैंपल की ही हो विक्रम जांच संभव हो सकती है और इंटर की जांच के लिए संक्रमित के सैंपल को लैब में बारीकी से परखने के बाद ही जांच के लिए भेजा जा रहा है सवाल उठता है कि जब हम ऐसे हैं जो डेल्टा से कई गुना तेजी से ही करता है तो इसकी जांच के लिए साधन क्यों नहीं जा रहे बिहार जैसे गंभीर राज्य के लिए व्यापक संसाधन जुटाना संभव भी नहीं है वैसे में संक्रमण और बचाव का सहारा दमदार सतर्कता से ही आकर ठीक किया जा सकता है जानलेवा डेल्टा पर नियंत्रण भी करो ना गाइडलाइन के पालन से ही हो पाएगा वह मित्रों के बारे में अब तक जो वैज्ञानिक निष्कर्ष निकाले हैं उनके मुताबिक ये डेल्टा जैसे जानलेवा नहीं है पर हल्के में ही ना लिया जाए यह सलाह डब्ल्यूएचओ भी दे चुका है राज्य के स्वास्थ्य विभाग को उम्मीद करो और इंटर से बचाव के लिए भी कोई स्पष्ट गाइडलाइन जारी करनी चाहिए जिससे आम आवाम रूप सतर्क हो सक

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