कैद है आदमी का सूरज आदमी की कोठरी में आदमी के साथ न देश बोध होता है जहां न काल बोध न कर्म बोध होता है जहां न सृष्टि बोध... -वेद प्रकाश ©VED PRAKASH 73 #शिलालेख