हिजाब पर कर्नाटक में भाई बहनों को भगवा याद आए तो बेशक वो धर्म है, क्यूंकि अधर्म होता देखकर भी अगर याद ना आए तो वो तो सरासर अधर्म है। शिक्षा संस्थानों और कार्यालयों में जाकर करना जब कर्म है, तो एक विशेष समुदाय को क्यूं याद आता हर बार धर्म है। हिजाब के लिए मदरसा है, और इबादत के लिए मस्जिद है, मगर आपको हिजाब विद्यालयों में और नमाज़ कार्यालयों में पढ़नी है ये कैसी बेहूदा ज़िद है। हम भी अगर धर्म का रास्ता कर्म से पहले अपनाएंगे, तो विद्यालय बन जायेंगे गुरुकुल और कर्मभूमि में सब जय श्री राम दोहराएंगे। और अगर विश्वविद्यालय हो गए गुरुकुल तो फिर आप बस मदरसों तक ही सीमित रह जायेंगे, और मदरसों में पढ़कर फिर कैसे आप वकील, डॉक्टर या कोई अधिकारी बन पाएंगे। आधुनिक शिक्षा को पढ़ कर कुछ विद्वान कहलाएंगे और समाज में उचित स्थान पाएंगे, मगर अपनी बताएं आप की मदरसे में पढ़कर अपने समाज को कहां तक लेकर जायेंगे, और फिर आपको बहुत बुरा लगेगा जब विश्व के लोग हिजाब और टोपी के नाम पर लतीफे बनाएंगे। ©Mr.KuldeepSinghPawar #hizab #hijab #masjid #namaz #JaiShreeRam #Hindi #urdu #vasudhaivakutumbakam