समुंदर के प्यासे मुसाफिर पानी की सुराही क्या समझेंगे, फैसला सुना चुकें है वह अपना अब मेरी गवाही क्या समझेंगे । जो मशरूफ है बरसों से दूसरों को नीचा दिखाने में, वह खुद के गुनाह और मेरी बेगुनाही क्या समझेंगे। जिन्होंने ताउम्र मोहब्बत की है सिर्फ दौलत और रुतबे से, वो इश्क़ में किसी आशिक की हुई तबाही क्या समझेंगे। और जो सुनते नहीं किसी और का गम सिर्फ खुद का बताते हैं, वह तेरी ग़ज़ल में मौजूद ग़म-ए-स्याही क्या समझेंगे। 😜😂😅 ©OJASWI SHARMA ग़म ए स्याही.. #ojaswisharma #shayari #latestshayari #shayaribegum #ojaswi #nojoto #sharmasisters #MereKhayaal