भेदभाव ये जाति का हमेसा से चला है, आज सिर्फ फर्क इतना है, पहले खुलेआम किया जाता था, और आज छुप -छुप के किया जाता है, क्यू होता है ये, क्या भगवान ने इसे बनाया था? ना जाने इससे कितनो के दिल टूटे, कितनो की बेज्जती हुई, कितनो के चेहरे मायूस हुए, लगता नहीं है ये किसी का लगाया हुआ wrong number है, तो क्यू नहीं किसी ने रोका इसे? अगर ये ना होता,तो जैसी दुनिया सोच के भगवान ने इसे बनाई थी, सायद ये होती वैसी दुनिया। ©Sangita Patel जाति का भेदभाव #Rose